गृह बदल जाएंगे, ह्रदय के तार झनक जाएंगे
किन हरे बादलों में छिपे तसव्वुर में आकर
इस संसार के आगोश में छिप जाएंगे
ये तोते सरीखी बड़वोली दुनिया में
कांच के गोले की सूरत दिखा पाएंगे
संसार एहतियात में डूबेगा, नई बानगी छाएगी
धिन धिन और नए सिरे से जाल बुन जाएगा
तकनीक के कितने ऊपर जाएगा
सम्राट की दुनिया में ये कुछ पाएगा
ये अद्भुत है, दिखने में घास पर नई दुनिया बसाएगा
परदे में, या नए सिरे से तट पर पट में बैठ जाओगे
पाओ कुछ यूरोपीय हो जाओ
हिस्सा संसार का एक नया देख आओ
कुछ देख लेने में हर्ज नहीं,
रोकथाम नहीं आजाद हो जाओ
तुम जड़ हो जाओ नहीं, तुम तने हो जाओ
जटिल सूचनाएं, एक नए दौर में
मिट्ठी में दबे किसी भी बीज में
हा हा किसी दुर्लभ सी भित्ति में
कांच के गोले मटकने दो
बूंदें शीतल हों तो छिटकने दो
ये त्यौहार कौन सा, इसे देख लो, दिखने दो
प्रेम में डूबे इस हिमालय को भी समेटने दो
ये धूम्र जो दिख जाए, इसे भी झलकने दो
एतबार नहीं है खुद क्या, संसार झलकने दो
नृत्य के दारोमदार में छत बनने दो
ये बारीक निगाहों में सोम घुलने दो
ये विचित्र सी निगाहों में हर मजहब की किबाड़ खुलने दो
ये बड़ा मन का आतुर अनुभव, इसे दिखने दो
किन हरे बादलों में छिपे तसव्वुर में आकर
इस संसार के आगोश में छिप जाएंगे
ये तोते सरीखी बड़वोली दुनिया में
कांच के गोले की सूरत दिखा पाएंगे
संसार एहतियात में डूबेगा, नई बानगी छाएगी
धिन धिन और नए सिरे से जाल बुन जाएगा
तकनीक के कितने ऊपर जाएगा
सम्राट की दुनिया में ये कुछ पाएगा
ये अद्भुत है, दिखने में घास पर नई दुनिया बसाएगा
परदे में, या नए सिरे से तट पर पट में बैठ जाओगे
पाओ कुछ यूरोपीय हो जाओ
हिस्सा संसार का एक नया देख आओ
कुछ देख लेने में हर्ज नहीं,
रोकथाम नहीं आजाद हो जाओ
तुम जड़ हो जाओ नहीं, तुम तने हो जाओ
जटिल सूचनाएं, एक नए दौर में
मिट्ठी में दबे किसी भी बीज में
हा हा किसी दुर्लभ सी भित्ति में
कांच के गोले मटकने दो
बूंदें शीतल हों तो छिटकने दो
ये त्यौहार कौन सा, इसे देख लो, दिखने दो
प्रेम में डूबे इस हिमालय को भी समेटने दो
ये धूम्र जो दिख जाए, इसे भी झलकने दो
एतबार नहीं है खुद क्या, संसार झलकने दो
नृत्य के दारोमदार में छत बनने दो
ये बारीक निगाहों में सोम घुलने दो
ये विचित्र सी निगाहों में हर मजहब की किबाड़ खुलने दो
ये बड़ा मन का आतुर अनुभव, इसे दिखने दो
No comments:
Post a Comment