अब अधूरा नहीं रहेगा समंदर


अब अधूरा नहीं रहेगा समंदर
भर जाएगा पूरा आसमां
दोनों की अधूरी दुनिया के बीच की बारिकियां
धुनक धुनक से एहसास के पीछे पिघलती रूहां

ऐसी जीवी पल चल मिलेनू चलिए
आखिर जाणा मण वे, चल मिलेनू चलिए
मेला पल दो पल वे, चल मिलेनू चलिए
हो आखिर जाणा घर वे, चल मिलेनू चलिए
पल्ला मेला अल्लाह जीता, मिलका देखता सजदा कीता
जिवे देखे गए डर वे, चल मिलेनू चलिए
आखिर जाणा घर वे, चल मिलेनू चलिए

रैन ना जागे, जागे ना रैन ना जागे
दुखिया जागे दुख दे कारण, पर सुखिया ना जागे कोई

इस कदर जब रूह मचले तो क्यों ना पीर से मिलवे जाइए
कहवे को कहीं ना जाए, तीतर तीतर गावे
आज सबसे मिलवे, प्यार से ना डर वे...


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