होली तो खेलेंगे...


तुम उस करवट लेटो, हम ऊंघते से उठेंगे
मुस्की दिखी चेहरे पर तो शरारत समझ लेंगे
ज़रा सा बांह में दबे तुम्हारे हिस्से को टटोलेंगे
जो सरस हो, उस एहसास से छूकर रंग देंगे

आज एकांत ही सही पर होली तो खेलेंगे...

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