विनाश
पूर्वाभास देता है. विनाश एक ऐसी क्रिया है जो परिणाम होती है. विनाश कभी आरंभ
नहीं हो सकता. विनाश अंत होता है. किसी कहानी का अंत, किसी जीवन का अंत. वो कभी
शुरुआत नहीं होता. विनाश एक सतत प्रक्रिया है. जो विशुद्ध रूप से लगातार किए गए
कुकर्मों का फल ही होता है. विनाश को समझने की जरूरत है. विनाश से भिन्न होना हर
कोई चाहता है. कोई इसका हिस्सा नहीं होना चाहता. ना ही कोई इसका भागीदार. ये
परिणाम कोई कैसे स्वीकार कर सकता है. किसी के हिस्से का सर्वनाश कोई क्यों
बर्दाश्त कर सकता है.
विनाश कोई
क्षणिक घटना नहीं हो सकती. कहा जाता है कि कुदरत की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं
हिलता. नियति ही सबकुछ निर्धारित करती है. ये सारी गतिविधि एक लंबे समय तक चली
किसी प्रक्रिया के फलस्वरूप होती है. जैसे धीमे-धीमे सुलगकर खाक़ हो जाना. खाक़ हो
जाना बुरा ही कहा जाता है. फ़लसफ़ा अच्छाई और बुराई का सदैव चला है. इसमें कोई नया
अध्याय नहीं जुड़ा है. जबरदस्ती कोशिशों के बाद भी निर्माण ही अच्छा कहा जाता है
विनाश कभी नहीं.
सब ऊर्जाओं का
खेल है. ये लगातार एक किस्म का संघर्ष है जो कहीं ना कहीं चलता ही रहता है. बुद्धि
की इसमें बड़ी भूमिका है. हम एक किस्म की करीबी का चयन तो कर सकते हैं. आपकी
बुद्धिमानी तब तक ही श्रेयस्कर है जब तक कि संघर्ष में वह निर्माण के पथ पर ही चल
सके. अगर ये बुद्धि विनाश की ओर अग्रसर है तो उसका तिरस्कार ही सर्वथा उचित है.
सभी नैतिकता
के सवाल हैं. अनैतिकता एक दुर्गुण ही कहलाती है. अनैतिकता पर चलकर जो शीर्ष पर
पहुंचकर उपहार मिलता है वही तो विनाश है. विनाश कभी प्रिय नहीं होता. इससे बचने की
कोशिश हर संभव की जानी चाहिए. यहां कोशिश कर लेना बुद्धिमानी ही कहलाएगा. जब
अनुमान लग जाए, जब पता चल जाए कहां गलतियां हो रही हैं. आपको एक अलर्ट मिल जाए, तो
कहीं ना कहीं नियति ही तो अंदेशा दे रही होती है. उसको सुन लेना गलत कैसे हो सकता
है?
उचित क्या है
अनुचित क्या है ये सभी बातें पहले से ही निर्धारित हैं. विनाशकाले विपरीतबुद्धि ये
भी कहा जाता है. पर विनाशकाल के समय बुद्धि का विपरीत होना भी एक परिणाम है. वह
प्रारंभ नहीं है. ये संभव हो सकता है कि हम परीक्षण करें, शांतिपूर्वक समझते हुए
विश्लेषण करें, आत्मचिंतन करें. एक स्थान विशेष पर यह संभव ना हो सके तो कहीं
स्थान परिवर्तित कर इसके लिए समय निकालें.
विपरीत बुद्धि
एक बड़ी असफलता है. यह लगातार आपकी कमजोर हो रही कड़ियों का दुष्परिणाम मात्र है.
बुद्धि एक बड़ा अच्छा उपकरण है. इसका प्रयोग सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो तो ये
आपको सदपरिणाम दे सकती है. उन्हीं की अभिलाषा की जानी चाहिए. अच्छे कर्मों के
माध्यम से अगर आप सद्परिणाम की अपेक्षा करते हैं तो ये कोई लालच नहीं है. ये
सर्वांगीण उद्देश्य बन सकता है. विपरीत बुद्धि एक अचानक हुई घटना नहीं हो सकती.
विपरीत बुद्धि
होने से पहले कई बार संकेत देगी. आपको अंदर की आवाज सुननी होगी. बुद्धि बोलती हुई
वस्तु है. वह एक बड़ी घोषणा है. आप यहां पर अपने कान बंद कर सकते हैं. या जोर से आ
रही आवाज को सुनकर सतर्क हो सकते हैं. आपको सतर्क होने का मौका बुद्धि ही देती है.
बुद्धि कभी इतनी कठोर नहीं हो सकती. बुद्धि बड़ी ताकतवर है. ये आपको संकल्पशक्ति,
इच्छाशक्ति और कर्मशक्ति देती है. ये सारे उपकरण इस नन्ही बुद्धि में ही समाहित
हैं. बस तय आपको करना है कि आपका मुकाबला किससे है.
विनाश से पहले
बुद्धि बहुत कठोर हो जाएगी. वो आपको झकझोर देगी. हिला देगी इतना कि आप बिजली के
झटके की तरह दूर गिर पड़ेंगे. पर बस उसके बाद का आपका अंतिम संकल्प आपको कथित
नियति को नियति बने रहने और इस मिथक को सच साबित करने देने का फैसला दे सकती है.
दूसरी तरफ यही आपको विनाश से अंतिम बार बचा सकती है. सब इस अंतिम फैसले पर निर्भर
करता है. तय आपको करना है कि आपको क्या करना है.
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